Maut ka sabse achcha waqt kon sa hai? मौत का बेहतर वक्त

Maut Ka Bayan By Hazrat Muhammad Mustafa (SAW)


इस पोस्ट में आपको यह जानने को मिलेगा कि मौत का कौन सा वक्त अच्छा है । हालांकि अच्छे और बुरे का जानकार अल्लाह है लेकिन हमने हदीस की रोशनी में कुछ रिवायतें आपके सामने रखी हैं । पसन्द आने पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें ।


रिवायत है इब्न मसऊद (रजि.) से कि फरमाया रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने - जो शख्स रमज़ान शरीफ के आखिरी महीने में इंतिकाल करेगा वह जन्नती होगा । और जो शख्स अरफ़ा के रोज यानी नौवीं तारीख ज़िलहिज़्जा के आखिर दिन में इंतिकाल होगा वह भी जन्नती होगा ।


रिवायत है हुज़ैफा (रजि.) से कि फरमाया रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने - जो शख्स मरते वक्त ख़ालिश नियत से “ला इलाहा इल्लल्लाह” कहेगा वह जन्नती होगा । और जिस ने अल्लाह के वास्ते रोजा रखा और उसी हाल में मर गया तो वह जन्नती होगा । और जो शख्स सच्चे नियत से सदका देकर मरेगा वह जन्नती होगा ।


रिवायत है हजरत आईशा (रजि.) से कि फरमाया रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने - जिस ने रोजा रखा और उसी हाल में मर गया तो अल्लाह तआला उसके वास्ते कयामत तक के रोजे का सवाब अता फरमाएगा ।


रिवायत है ज़ाबिर (रजि.) से कि फरमाया रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने - जो कोई जुमा की रात को या जुमा के दिन मरेगा । उसको अल्लाह तआला अज़ाब ए कब्र से निज़ात देगा । और जब कयामत के दिन वह मैदान-ए-महशर में आएगा तो उसके बदन पर शहीदों की मुहर होगी ।


रिवायत है अबू ज़अफर (रजि.) से कि - जुमा कि रात रौशन रात है । और जुमा का दिन रौशन दिन है । जो शख्स जुमा की रात में मरेगा वह अज़ाब से निजात पाएगा । और जो शख्स जुमा के दिन में मरेगा वह दोजख़ से निजात पाएगा ।


नोट : दोस्तों, बेशक हर चीज का जानने वाला अल्लाह है। हमने उपर जिन हदीसों का जिक्र किया है, उसके मुताबिक ऐसा नहीं है कि सिर्फ इन्हीं वक्त में मरना अफज़ल है। मेहरबानी करके अपने दिल में ऐसा ख्याल न लाएं।  

Muhammad Saif

This Article has been written by Muhammad Saif. 🙂

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