Kuan ko paak karne ka tarika | कुंए को पाक कैसे किया जाता है?

Kunwa Saaf Karne Ka Tarika in Islam


अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू

दोस्तों आज हम आपको ये बताने वाले हैं कि कुआं कब नापाक होता है ? और उसे पाक करने का क्या तरीका है ? तो इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़ें क्योंकि यहां के हर सवाल व जवाब को जानना बेहद जरूरी है ।


सवाल : कुआं किन चीजों से नापाक होता है ?

जवाब : अगर नजासत गलीज़ा या खफीफा कुएं में गिर जाए या कोई बहते हुए खून वाला जानवर कुएं में गिरकर मर जाए तो कुआं नापाक हो जाता है ।


सवाल : अगर कुएं में कोई जानवर गिर कर जिन्दा निकल आए तो कुआं पाक रहेगा या नापाक ?

जवाब : अगर ऐसा जानवर गिरे कि जिसका जूठा नापाक है या ऐसा जानवर गिरे जिसके बदन पर नजासत लगी हुई थी तो कुआं नापाक हो जाएगा ।

या फिर कोई भी हलाल या हराम जानवर जिसका जूठा नापाक नहीं हो और न ही उसके बदन पर नजासत लगी हुई हो तो उसके गिर कर जिन्दा बाहर निकलने पर कुआं नापाक नहीं होगा । बशर्ते कि आपको उसके पेशाब या पाखाना करने या ना करने का यकीन होना चाहिए । यानी आपको पता होना चाहिए कि उसने पाखाना या पेशाब किया है या नहीं ।


सवाल : अगर कुआं नापाक हो जाए तो उसे पाक करने का क्या तरीका है ?

जवाब : कुएं को पाक करने के पांच तरीके हैं :


  1. अगर कुएं में नजासत गिर जाए तो सारा पानी निकाल देने से कुआं साफ हो जाएगा ।

  2. जब आदमी या सुअर या कुत्ता या बकरी या दो बिल्लियां या इससे बड़ा कोई और जानवर गिर कर मर जाए तो सारा पानी बाहर निकालना पड़ेगा ।

  3. जब कोई बहते हुए खून वाला जानवर कुएं में गिरकर फूल गया या फिर फट गया तो भी सारे पानी को निकालना पड़ेगा । चाहे वह छोटा जानवर हो या बड़ा ।

  4. जब कबूतर या मुर्गी या बिल्ली या इतना ही बड़ा कोई जानवर गिर कर मर गया लेकिन फूला नहीं तो 40 डोल पानी निकालना पड़ेगा ।

  5. अगर चूहा या चिड़िया या कोई और जानवर गिर कर मर गया तो 20 डोल पानी निकालना पड़ेगा ।


नोट : 20 डोल की जगह 30 डोल और 40 डोल की जगह 60 डोल निकालना मुस्तहब है ।


सवाल : अगर मरा हुआ जानवर कुएं में गिर जाए तो उसका क्या हुक्म है ?

जवाब : मरे हुए जानवर का भी वही बयान है जो गिरने के बाद मरने वाले जानवर का है । जैसे - मरी हुई बकरी गिर जाए तो सारे पानी को निकालना पड़ेगा । और मरी हुई बिल्ली गिरे तो 40 या 60 डोल और अगर मरा हुआ चूहा गिरे तो 30 या 40 डोल निकाला जाए ।


सवाल : अगर फुला हुआ या फटा हुआ जानवर गिर जाए तो क्या हुक्म है ?

जवाब : सारे पानी को निकालना होगा । जैसे कि कुएं में गिरकर मरता और फूलता और फट जाता ।


सवाल : अगर कुएं में से मरा हुआ जानवर निकले और मालूम न हो कि कब गिरा था । तो क्या हुक्म है ?

जवाब : जिस वक्त से देखा जाए उसी वक्त से कुआं नापाक समझा जाएगा ।


सवाल : डोल कितना बड़ा होना चाहिए ?

जवाब : जिस कुएं पर जो डोल पड़ा रहता है वही ठीक है ।


सवाल : जितने डोल निकालने हैं , एक ही बार में निकालना चाहिए या कई बार में भी निकालना जायज़ है ?

जवाब : कई बार करके निकालना भी जायज़ है । मिसाल के तौर पर 60 डोल निकालना है तो 20 डोल सुबह को, 20 डोल दोपहर को और 20 डोल शाम को निकालना भी जायज़ है ।


सवाल : जिस रस्सी या डोल से नापाक कुएं का पानी निकाला है वो रस्सी और डोल पाक है या नापाक ?

जवाब : जब इतना पानी निकाल दिया गया जितना निकालने की जरूरत थी तो कुआं, डोल और रस्सी सब पाक हो जाते हैं ।


दोस्तों हमारा काम है आपलोगों को इस्लाम की तालीम से रूबरू कराते रहना । और इसीलिए हम आपके लिए हर तरह की जानकारी वाली पोस्ट लिखते हैं । तो आपका भी फर्ज़ है कि हमारे इस नेक काम में हमारा साथ दें ।

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हम आपसे फिर मिलेंगे एक नए पोस्ट में तबतक के लिए अल्लाह हाफिज़ ! 

Muhammad Saif

This Article has been written by Muhammad Saif. 🙂

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