वजू का तरीका – wazu ka tarika in hindi
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू ! दोस्तों इस पोस्ट में मैं आपको वजू (wazu) करने का तरीका और वजू करने की नियत की मालूमात देने वाला हूं । उम्मीद है कि आपको ये पोस्ट पसन्द आएगी ।
वजू क्या है ? वजू किसे कहते हैं ?
जब कोई मुसलमान नमाज पढ़ना चाहता है तो वह एक खास तरीके से हाथ , पैर , चेहरा वगैरह धोता है । इस खास तरीके को ही वजू कहते हैं ।
वजू के फर्ज क्या होते हैं ? Wazu ke farz
वजू में कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनके छूट जाने से वजू नहीं होता , उन्हें वजू के फर्ज कहते हैं ।
वजू में चार फर्ज होते हैं :
- माथे के बालों से ठोढ़ी के नीचे तक और एक कान से दूसरे कान तक मुंह धोना ।
- दोनों हाथों को कुहनियों समेत धोना ।
- चौथाई सर का मसह करना ।
- दोनों पांव गट्टों समेत धोना ।
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वजू की सुन्नतें क्या हैं ? Wazu ki sunnatein
वजू में कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनके छूट जाने से वजू तो हो जाता है , मगर अधूरा होता है , उन्हें वजू के सुन्नत कहते हैं ।
वजू में तेरह बातें सुन्नत हैं :
- नियत करना ।
- बिस्मिल्लाह पढ़ना ।
- पहले दोनों हाथ गट्टों तक धोना ।
- मिस्वाक करना ।
- तीन बार कुल्ली करना ।
- तीन बार नाक में पानी डालना ।
- दाढ़ी का खिलाल करना ।
- हाथ पांव की उंगलियों का खिलाल करना ।
- हर हिस्से को तीन बार धोना ।
- एक बार सारे सर का मसह करना यानी भीगा हुआ हाथ फेरना ।
- दोनों कानों का मसह करना ।
- तरतीब से वजू करना ।
- इस तरह से वजू करना कि पहले धोया हुआ हिस्सा सूखने से पहले दूसरा हिस्सा धो लिया जाए ।
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वजू के मुस्तहब क्या हैं ? Wazu ke mustahibat
वजू में कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनके छूट जाने से कोई नुकसान तो नहीं होता, मगर उनके करने से सवाब ज्यादा मिलता है । उन्हें वजू के मुस्तहब कहते हैं ।
वजू के पांच मुस्ताहिबात हैं :
- दायीं तरफ से शुरू करना । (कुछ आलिमों ने इसे सुन्नतों में गिना है और यही ज्यादा ठीक है)
- गर्दन का मसह करना ।
- खुद से वजू करना, दूसरों से मदद न लेना ।
- किब्ले की तरफ मुंह करके बैठना ।
- पाक और उंची जगह पर बैठ कर वजू करना ।
वजू में कितनी चीजें मकरूह हैं ? Wazu mein makrooh
वजू में चार चीजें मकरूह हैं :
- नापाक जगह पर वजू करना ।
- सीधे हाथ (दायां) से नाक साफ करना ।
- वजू के दौरान दुनिया की बातें करना ।
- सुन्नत के खिलाफ वजू करना ।
कितनी चीजों से वजू टूट जाता है ? वजू के नवाकिज़ क्या हैं ?
आठ चीजों से वजू टूट जाता है , उन्हें वजू के नवाकिज़ कहते हैं ।
- पेशाब या पाखाना करना , या इन दोनों रास्तों से किसी और चीज का निकलना ।
- रीह यानी हवा का खारिज़ होना ।
- बदन के किसी हिस्से से खून या पीप का निकल कर बह जाना ।
- मुंह भर के कै करना ।
- लेट कर या सहारा लगा कर सो जाना ।
- बीमारी या किसी और वजह से बेहोश हो जाना ।
- मजनू यानी दीवाना हो जाना ।
- नमाज में खिलखिला कर हंसना ।
वजू करने की नियत - wazu ki niyat dua
वजू की नियत के लिए इन तीनों में से किसी को भी पढ़ना जायज़ है :
- बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम , या
- बिस्मिल्लाहि वल हम्दु लिल्लाह , या
- बिस्मिल्लाहिल अलीय्यिल अजीम वलहम्दुलिल्लाहि अला दीनिल इस्लामि ।
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वजू करने का सही तरीका क्या है इन हिन्दी में - Wazu Karne ka Tarika
- साफ बर्तन में पाक पानी लेकर पाक साफ़ और उंची जगह पर बैठिए । किब़्ले की तरफ मुंह कर लें तो ज्यादा अच्छा है । और अगर इसका मौका न हो तो कोई जरूरी नहीं ।
- आस्तीनें कुहनियों के उपर तक चढ़ा लीजिए ।
- अब बिस्मिल्लाह पढ़िए ।
- फिर तीन बार गट्टों तक हाथ को धोइये ।
- फिर तीन बार कुल्ली कीजिए ।
- अब दातून कीजिए , अगर दातून नहीं हो तो उंगलियों से दांत मल लीजिए ।
- फिर तीन बार नाक में पानी डाल कर बांये हाथ की छोटी उंगली से नाक साफ कीजिए ।
- फिर तीन बार मुंह धोइये । मुंह पर पानी ज़ोर से न मारिए बल्कि धीरे से माथे पर पानी डाल कर धोइये ।
- माथे के बालों से ठोड़ी के नीचे तक और इधर उधर दोनों कानों तक मुंह धोना चाहिए ।
- फिर कुहनियों समेत दोनों हाथ धोइये । पहले दायां हाथ धोइये फिर बायां हाथ धोइये ।
- फिर हाथ पानी से भिगो कर सर का मसह कीजिए । फिर गर्दन का मसह कीजिए ।
- मसह सिर्फ एक बार करना चाहिए ।
- फिर तीन बार दोनों पांव टख्नों समेत धोइये ।
- पहले दायां पांव पर फिर बायां पांव धोना चाहिए ।
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Wazu Ko lekar galatfahmiyan
आपने अक्सर देखा होगा कि कई लोग जल्दबाजी में में थोड़ा सा पानी लेकर कुल्ली कर लेते हैं । और नाक में पानी चढ़ाने के बजाए सिर्फ नाक की नोक पर पानी भिंगा लेते हैं । जो कि गलत बात है । हमें अच्छे ढ़ंग से कुल्ली करना चाहिए और फिर नाक में पानी डालकर उसे बांये हाथ की छोटी उंगली से साफ करना चाहिए । अगर मिस्वाक न हो तो हमें उंगलियों से ही दांतों को मल लेना चाहिए ।
इसके अलावा भी कई ऐसे लोग होते हैं जो अपना हेयरस्टाईल बचाने के खातिर सिर्फ उंगली उपरी हिस्से से सिर का मसह कर लेते हैं । जबकि चौथाई सर का मसह फर्ज़ है ।
आज के दौर में बदकिस्मती से मुसलमान भी फिरंगियों की तहजीब को अपनाते जा रहे हैं । उन्हें हलाल और हराम की कोई परवाह नहीं होती । इस फैशन में नाखून पॉलिश भी शामिल है । ये नेल पॉलिश अपनी सख्ती की वजह से जल्दी नहीं छूटती । जिसकी वजह से न ही वजू होता है और न ही गुस्ल होता है । हमारी मां-बहनों से गुजारिश है कि आप नेल पॉलिश की जगह पर मेहंदी का इस्तेमाल किया करें, ये जायज है ।
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आखिरी बात
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको वजू करने का तरीका (wazu karne ka tarika) वजू करने की नियत की मालूमात जरूर पसन्द आई होगी । इसे सदका-ए-ज़ारिया की नियत से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें और ऐसे ही पोस्ट की नोटिफिकेशन पाने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करना न भूलें । मैं आपसे जल्द ही मिलूंगा अगले पोस्ट में , तबतक के लिए अल्लाह हाफिज़ !