Aqiqah Karne Ka Tarika and Dua - अक़ीक़ा का तरीक़ा और दुआ

Aqiqah Masail in Hindi

अल्लाह सुभ्हान व तआला ने हमें सिर्फ यूं ही इस दुनिया में नहीं भेजा । बल्कि भेजने के साथ ही हमें लाखों-करोड़ों अपनी अज़ीम नेअमतों से भी नवाज़ा है, जैसे माल-दौलत, औलाद, वगैरह । लेकिन इन तमाम नेअमतों में से औलाद की नेअमत बहुत बड़ी है । इसीलिए हमें चाहिए कि जब अल्लाह तआला किसी को औलाद की नेअमत से नवाजते हैं तो उसे बच्चे की पैदाईश के सातवें दिन उसका नाम रखकर उसका अकीका (Aqiqah) करना चाहिए ।


Ladka aur ladki ka Aqiqah karne ka tarika in hindi - अकीका करने की दुआ हिन्दी में
Ladka aur ladki ka Aqiqah karne ka tarika in hindi - अकीका करने की दुआ हिन्दी में

Aqiqah kya hai?

अकीका अल्लाह तआला का शुक्रिया अदा करने का एक खास तरीका है , जिसमें कुर्बानी दी जाती है । जब भी किसी को अल्लाह सुभ्हान व तआला औलाद की नेअमत से नवाज़ता है तो उसे शुकराने के तौर पर अकीका (Aqiqah) करना चाहिए ।


Aqiqah करना क्यों जरूरी है ?

अकीका करने से बच्चे पर आने वाली बलाएं दूर हो जाती हैं, और बहुत सी मुसीबतें उस पर से टल जाती हैं । और जब तक अक़ीक़ा नहीं किया जाता है, वो बच्चा मुसीबतों के अंदेशे से घिरा रहता है ।


Aqiqah किस पर फर्ज़ है ?

अक़ीक़ा किसी भी मुसलमान पर फ़र्ज़ या वाजिब नहीं है, बल्कि ये मुस्तहब है ।


मुस्तहब: मुस्तहब करना जरूरी नहीं है। अगर आपने कोई मुस्तहब काम किया है तो आपको उसका सवाब दिया जाएगा, लेकिन अगर नहीं भी किया है, तो कोई गुनाह नहीं होगा ।


अकीका कब करना चाहिए?

बच्चे की पैदाइश के सातवें दिन उसका अक़ीक़ा करना चाहिए ।

क्या बड़े हो जाने पर अक़ीक़ा कर सकते हैं ?

अगर किसी शख्स का अक़ीक़ा उसके बचपन में न हो सका, तो वो बड़े होने के बाद भी अकीका कर सकता है ।
पैदाईश के सातवें दिन अक़ीका करने की जो फ़ज़ीलत है , उतनी फजीलत बड़े होने के बाद अकीका करने से हासिल नहीं हो सकती है ।

अकीका के जानवर की तादाद क्या है ?

लड़का के लिए दो बकरे, जबकि लड़की के लिए एक बकरा की कुर्बानी देनी चाहिए

अगर दो बकरे ज़बह करने की गुन्जाइश न हो तो क्या करें ?

लड़के के लिए दो बकरों की कुर्बानी देनी चाहिए लेकिन अगर दो बकरों के ज़बह करने की गुंजाईश नहीं है तो आप एक बकरे पर भी लड़के का अकीका (Aqiqah) कर सकते हैं ।
अगर आपकी हैसियत अक़ीक़ा करने की नहीं है और अगर आप अक़ीका नहीं कर रहे हैं तो इस में कोई हर्ज़ या गुनाह नहीं है ।


Aqiqah karne ka Tarika ?

सब से बेहतर तो ये है कि बच्चे की पैदाइश के सातवें दिन उसका अक़ीका़ (Aqiqah) किया जाये । जैसे अगर जुमा को बच्चा पैदा हुआ है तो जुमेरात को अक़ीक़ा कर दें । लेकिन, अगर सातवें दिन अक़ीक़ा न कर सकें तो, 14 वें दिन या 21 वें दिन कर दें । वरना जब भी अक़ीक़ा करें तो कोशिश करें कि दिनों के हिसाब से बच्चे की पैदाईश के सातवें दिन के बराबर हो । [ जैसे 7, 14, 21 ]


क्या बच्चे की तरफ़ से किसी दूसरे शहर में अक़ीक़ा करना सही है ?

अगर बच्चा दूसरे शहर में है और जानवर दूसरे शहर में, तो इससे कोई दिक्कत नहीं है , अक़ीक़ा किया जा सकता है । बस ख्याल इतना रखना है कि जब अक़ीक़ा का जानवर ज़बह कर दिया जाए तो बच्चे के बाल भी मूंडा दिए जाएं ।


बड़े जानवर में क़ुरबानी के साथ अक़ीक़ा का हिस्सा लेना कैसा है ?

ईदु-उल अज़हा (बकरीद) में जब गाय, बैल, उंट जैसे किसी बड़े जानवर की कुर्बानी दी जाती है तो उसमें सात हिस्से होते हैं । अगर आप अकीका करना चाहते हैं तो उन सात में से भी आप एक या दो हिस्से अकीका की नियत से ले सकते हैं । ये ज़ायज़ है ।

क़ुर्बानी के जानवर में अक़ीक़ा की नियत से हिस्सा लिया जा सकता है, लेकिन अफज़ल यह है कि अक़ीक़ा के लिए बकरे की क़ुरबानी करें ।


बच्चे की तरफ़ से अक़ीक़ा किसे करना चाहिए ?

बच्चे का अकीका करने की असल ज़िम्मेदारी उसके बाप पर होती है । लेकिन अगर बच्चे के ननिहाल वाले उसका अक़ीक़ा करना चाह रहे हैं तो इस में भी कोई हर्ज नहीं । ख़ुद रसुलूल्लाह (स.अ.व) ने अपने दोनों नवासे (हज़रत हसन और हज़रत हुसैन रज़ि.) का अक़ीक़ा किया था ।


अक़ीक़े के जानवर का गोश्त और खाल का क्या करें?

अक़ीक़े में भी गोश्त और खाल का वही हुक्म है जो कुर्बानी के जानवर के गोश्त और खाल में है ।


क्या अकीका में दावत करना ज़रूरी है ?

अक़ीक़े में दावत करना ज़रूरी नहीं है । आप चाहें तो बकरीद की तरह कच्चा गोश्त बांट सकते हैं । या ग़रीबों को खिला दें या पका कर घरों में भिजवा दें । आप चाहें तो मुख्तसर दावत भी कर सकते हैं ।


क्या अक़ीक़े में सर के बाल मूंडना जरूरी है?

अगर अकीका (Aqiqah) बचपन में किया गया है तो मुस्तहब है कि बच्चा या बच्ची के बाल मूंड कर उसके वज़न के बराबर सोना या चांदी या उसकी कीमत सदक़ा कर दें । लेकिन अगर बड़ी उम्र में अक़ीक़ा किया जा रहा है तो सर के बाल मूंडना ज़रूरी नहीं है, बल्कि बड़ी उम्र की लड़की के बाल मूंडना तो नाज़ाएज़ है ।


नोट: बच्चे के बाल जानवर के ज़बह करने से पहले या ज़बह करने के बाद भी मूंडे जा सकते हैं । जब आपकी आसानी हो ।


अकीका के सारे मसाईल को और अच्छी तरह समझने के लिए आप Ummat-e-nabi.com की ये आर्टिकल पढ़ सकते हैं : Aqiqah kaise kare in Hindi


Aqiqah Hadees in Hindi

मुझ से इस्हाक बिन नज़र ने बयान किया, कहा हमसे अबू ओसामा ने बयान किया, कहा कि मुझ से यज़ीद ने बयान किया, उन से अबू दरदा ने और उन से अबू मूसा (रज़ि.) ने बयान किया कि "मेरे यहां एक लड़का पैदा हुआ तो मैं उसे लेकर नबी (स.अ.व) की खिदमत में हाज़िर हुआ । नबी करीम (स.अ.व) ने उसका नाम इब्राहिम रखा और खज़ूर को अपने दिन्दान मुबारक से नरम करके उसे चटाया और उसके लिए बरकत की दुआ की, फिर मुझे दे दिया ।

💠 ये अबू मूसा (रज़ि.) के सबसे बड़े लड़के थे ।

Source:
Chapter 72, The Book Of Al-Aqiqa Book, Sahih Bukhari । Hadith No 5467, Baab - Aqiqa Ke Masail Ka Bayan


Conclusion

उम्मीद है कि 'अकीका करने का तरीका' की ये मालूमात आपको पसन्द आई होगी । इसे दूसरों के साथ भी जरूर शेयर करें , क्योंकि अच्छी बात को फैलाना भी सदका-ए-ज़ारिया है । ज़ज़ाकअल्लाह !


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